Bihar Board Class 12th History First Terminal August Monthly Exam Original Viral Question Paper Download Active Link 2024

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Bihar Board Class 12th History First Terminal August Monthly Exam Original Viral Question Paper Download Active Link 2024

आज कि इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि किस तरीके से कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा इतिहास का ओरिजिनल प्रश्नपत्र एवं आंसर कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। तो यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अतः इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ते हुए आगे बढ़ें।

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कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा क्यों देना चाहिए ?

बिहार बोर्ड के तरफ से कक्षा 12वीं की प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा यानि फाइल परीक्षा लिया जाता हैं। क्योंकि इस परीक्षा को देने के बाद ही बच्चें अगली कक्षा यानि कक्षा 12वीं की में बैठ सकते है।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा नहीं देने पर क्या होगा ?

अगर कोई बच्चा कक्षा 12वीं की प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा में शामिल नहीं होता है तो उस बच्चें की नामांकन आगे की कक्षा यानि 12वीं में नहीं होता है जिससे उस बच्चें का 1 साल खराब हो जाता है। इसलिए आप लोग इस परिक्षा में जरूर शामिल जा जाइएगा।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र कहा से आता है ?

आपको बताते चलें कि कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र बिहार परीक्षा समिति के द्वारा तैयार किया जाता है। एवं परीक्षा के कुछ दिनों पहले ही जिलास्तर में भेज दिया जाता हैं।

नीचे हमारे सारे सोशल मीडिया का लिंक दिया गया है। इसमें जरूर जुड़ जाइए।

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कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का एडमिट कार्ड कब जारी होगा ?

आपको बता दे कि बिहार बोर्ड के तरफ से कक्षा 12वीं की प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का कोई एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाता है। क्योंकि ये एग्जाम स्कूलस्तर/कॉलेज पर ही लिया जाता है। अगस्त मासिक परीक्षा एक तरह का जांच परीक्षा है।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का एग्जाम सेंटर कहां रहेगा ?

आपको बता दे कि कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का एग्जाम सेंटर अन्य दूसरे स्कूल में नहीं जाता है। आप जिस स्कूल में पढ़ते है उसी स्कूल में एग्जाम लिया जाता है।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा की कॉपी जांच कहां होगा ?

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा की कॉपी जांच स्कूलस्तर में ही उन शिक्षकों के द्वारा होता है जो वर्तमान में उसी स्कूल में कार्य कर रहे होते है।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र कहां से आता है ?

बिहार बोर्ड सबसे पहले प्रश्नपत्र को तैयार कर लेता है। फिर सभी जिला शिक्षा विभाग के पास प्रश्नपत्र को भेज दिया जाता है। उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के तरफ से प्रश्नपत्र को जिले के सभी स्कूलों में परीक्षा होने के उपरांत प्रश्नपत्र को भेज दिया जाता है।

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा में कितने बच्चे शामिल होगे ?

कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा में लगभग 16 लाख से अधिक बच्चे सामिल होते है। जिन में से 1 लाख बच्चे किसी कारण से परीक्षा नहीं दे पाते है।

Bihar Board Class 12th History First Terminal August Monthly Exam Objective Answer Key Download Active Link 2024

नीचे हमने कक्षा 12वीं इतिहास के ऑब्जेक्टिव आंसर डाउनलोड करने के लिए लिंक दिए है। जिस पर क्लिक करके आप बिल्कुल आसान तरीके से पेपर एवं आंसर को डाउनलोड कर लीजिए।

1 D 11 D 21 B
2 A 12 D 22 D
3 B 13 B 23 B
4 C 14 D 24 C
5 A 15 D 25 C
6 B 16 A 26 A
7 B 17 C 27 C
8 A 18 A 28 B
9 B 19 29 C
10 C 20 D 30 B

Bihar Board Class 12th History First Terminal August Monthly Exam Subjective Answer Key Download Active Link 2024

नीचे हमने कक्षा 12वीं इतिहास के सब्जेक्टिव आंसर डाउनलोड करने के लिए लिंक दिए है। जिस पर क्लिक करके आप बिल्कुल आसान तरीके से पेपर एवं आंसर को डाउनलोड कर लीजिए।

SHORT ANSWER

1. Ans- भारत में किसी महिला को मिले हर उपहार को स्त्रीधन कहा जाता है. वह गिफ्ट उसे चाहे शादी पर मिले हों या फिर शादी से पहले या बाद में. उसे मिले हर गिफ्ट पर उसी का पूर्ण अधिकार होता है और वह जैसे चाहे वैसे उसका इस्तेमाल कर सकती है. स्त्रीधन में पैसा, गहने, जमीन, या फिर रसोई घर की कोई आइटम भी हो सकती है।
2. Ans- अनुलोम विवाह:- अपने वर्ण से निम्नतर वर्ण में विवाह करना. इसमें पुरुष उच्च वर्ण का होता था और लड़की निम्न वर्ण की. जैसे, ब्राह्मण और विमद या राजकन्या और कमधु का विवाह. अनुलोम विवाह को ‘अनाज के साथ जाने’ वाले संघों के रूप में माना जाता था. हिंदू शास्त्रों में अनुलोम विवाह की वकालत नहीं की गई थी, लेकिन ऐतिहासिक रूप से उन्हें सहन किया गया और स्वीकार किया गया।
प्रतिलोम विवाह:- किसी निम्नस्तर वर्ण के पुरुष और उच्चत्तर वर्ण की कन्या के बीच संबंध का स्थापित होना. इसमें उच्च कुल की स्त्री निम्न कुल के पुरुष से विवाह करती है. जैसे, महर्षि शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी का विवाह राजा ययाति के साथ. प्रतिलोम विवाह की सभी पूर्ववर्ती हिंदू विधि निर्माताओं ने कड़ी निंदा की और इसे हतोत्साहित किया. मनु ने इन विवाहों की कटु आलोचना की और निंदा की, जिन्हें “बालों या अनाज के विरुद्ध जाना” माना जाता था. विवाह के बाद शामिल पक्षों के पतन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया. हालांकि, बाद के टिप्पणीकारों ने इन विवाहों को स्वीकार कर लिया है।
3. Ans- मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार यानी ‘ग्रेट बाथ’ की दो विशेषताएं ये हैं: 
यह हड़प्पा सभ्यता का सबसे विशाल स्मारक है. 
यह मोहनजोदड़ो के उत्तरी भाग में, एक कृत्रिम टीले के ऊपर बना है।
4. Ans- हड़प्पा सभ्यता या सिंधु घाटी सभ्यता, भारत में करीब 13 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में त्रिभुजाकार रूप में फैली हुई थी. यह सभ्यता उत्तर में जम्मू-कश्मीर के मांडा तक, दक्षिण में महाराष्ट्र के दैमाबाद तक, पूर्व में उत्तर प्रदेश के आलमगीरपुर तक और पश्चिम में पाकिस्तान के सुत्कागेंडोर तक फैली हुई थी. इसके अलावा, यह सभ्यता सौराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में भी फैली हुई थी. हड़प्पा सभ्यता का भौगोलिक विस्तार तीनों आरंभिक मानव सभ्यताओं में सबसे ज़्यादा था
5. Ans- महाजनपद, प्राचीन भारत में मौजूद राज्य या प्रशासनिक इकाइयों को कहते थे. ये गणतंत्र या राजतंत्र के रूप में शासित होते थे। महाजनपदों की स्थापना उत्तर वैदिक काल में हुई थी. इस दौरान, जनजातियों ने अपने स्वयं के क्षेत्रीय समुदाय बनाने का फ़ैसला किया, जिसके बाद बस्तियों के नए और स्थायी क्षेत्रों का निर्माण हुआ. ये बस्तियां जनपद या राज्य के नाम से जानी गईं. कई जनपदों को मिलाकर महाजनपद बनाए गए थे. छठी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान, भारतीय उपमहाद्वीप में 16 महाजनपद मौजूद थे. इनमें से ज़्यादातर महाजनपद विंध्य के उत्तर में स्थित थे और पूर्व में बिहार से लेकर उत्तर-पश्चिम सीमा तक फैले हुए थे।

LONG ANSWER

11. Ans- भारत में वर्ण-व्यवस्था और जाति-व्यवस्था की उत्पत्ति के बारे में जानकारीः 
वर्ण-व्यवस्था, प्राचीन वैदिक काल में प्रचलित एक सामाजिक-आर्थिक पदानुक्रमित प्रणाली थी. इस प्रणाली के तहत, समाज को सामाजिक और आर्थिक क्षमताओं के आधार पर चार वर्णों या वर्गों में बांटा गया था: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र. हर वर्ण को अपने दायित्वों और मानदंडों का पालन करना था. वर्ण व्यवस्था का सबसे पहला ज़िक्र ऋग्वेद के दसवें मंडल में मिलता है. वर्ण शब्द की उत्पत्ति वृ शब्द से हुई है, जिसका मतलब है अपना व्यवसाय चुनने का विकल्प. महाकाव्यों के समय तक, वर्ण-व्यवस्था का आधार पूरी तरह से जन्म पर आधारित हो गया था. यानी, ब्राह्मण परिवार में जन्मे व्यक्ति को अयोग्य और अज्ञानी होने पर भी पूजनीय और श्रेष्ठ माना जाता था।
12. Ans- महाभारत उस समय की सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाओं का लेखा-जोखा प्रदान करता है, जो हमें इस बात की जानकारी दे सकता है कि लोग समय के बारे में कैसे सोचते थे और उसका महत्व क्या था। महाभारत के मुख्य विषयों में से एक समय का महत्व और इसका उचित मूल्य न देने के परिणाम हैं।
13. Ans- आर्यभट्ट, एक प्राचीन भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री, ने गणित और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके अभिनव कार्यों में दशमलव प्रणाली का आविष्कार और शून्य का प्लेसहोल्डर के रूप में उपयोग, साथ ही पाई के मान की सटीक गणना और ग्रहों की गति का निर्धारण शामिल था।

 

इस पोस्ट के माध्यम से Over-all बताया गया है।

इस पोस्ट में हमने आपको बताया है कि किस तरीके से कक्षा 12वीं प्रथम सार्वाधिक अगस्त मासिक परीक्षा इतिहास का ओरिजिनल प्रश्नपत्र एवं आंसर कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। तो यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अतः इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक ऊपर में पढ़े।

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