Class 12th History September Monthly Exam Original Viral Question Paper Download Active Link 2024 Bihar Board
आज कि इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि किस तरीके से कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा इतिहास का ओरिजिनल प्रश्नपत्र एवं आंसर कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। तो यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अतः इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ते हुए आगे बढ़ें।
वायरल पेपर यहां से डाउनलोड करें
DOWNLOAD NOW
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा क्यों देना चाहिए ?
बिहार बोर्ड के तरफ से कक्षा 12वीं की सितंबर मासिक परीक्षा यानि फाइल परीक्षा लिया जाता हैं। क्योंकि इस परीक्षा को देने के बाद ही बच्चें अगली कक्षा यानि कक्षा 12वीं की में बैठ सकते है।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा नहीं देने पर क्या होगा ?
अगर कोई बच्चा कक्षा 12वीं की सितंबर मासिक परीक्षा में शामिल नहीं होता है तो उस बच्चें की नामांकन आगे की कक्षा यानि 12वीं में नहीं होता है जिससे उस बच्चें का 1 साल खराब हो जाता है। इसलिए आप लोग इस परिक्षा में जरूर शामिल जा जाइएगा।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र कहा से आता है ?
आपको बताते चलें कि कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र बिहार परीक्षा समिति के द्वारा तैयार किया जाता है। एवं परीक्षा के कुछ दिनों पहले ही जिलास्तर में भेज दिया जाता हैं।
नीचे हमारे सारे सोशल मीडिया का लिंक दिया गया है। इसमें जरूर जुड़ जाइए।
WhatsApp Group |
Join Now |
Telegram Group |
Join Now |
YouTube |
Subscribe |
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का एडमिट कार्ड कब जारी होगा ?
आपको बता दे कि बिहार बोर्ड के तरफ से कक्षा 12वीं की सितंबर मासिक परीक्षा का कोई एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाता है। क्योंकि ये एग्जाम स्कूलस्तर/कॉलेज पर ही लिया जाता है। अगस्त मासिक परीक्षा एक तरह का जांच परीक्षा है।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का एग्जाम सेंटर कहां रहेगा ?
आपको बता दे कि कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का एग्जाम सेंटर अन्य दूसरे स्कूल में नहीं जाता है। आप जिस स्कूल में पढ़ते है उसी स्कूल में एग्जाम लिया जाता है।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा की कॉपी जांच कहां होगा ?
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा की कॉपी जांच स्कूलस्तर में ही उन शिक्षकों के द्वारा होता है जो वर्तमान में उसी स्कूल में कार्य कर रहे होते है।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा का प्रश्नपत्र कहां से आता है ?
बिहार बोर्ड सबसे पहले प्रश्नपत्र को तैयार कर लेता है। फिर सभी जिला शिक्षा विभाग के पास प्रश्नपत्र को भेज दिया जाता है। उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के तरफ से प्रश्नपत्र को जिले के सभी स्कूलों में परीक्षा होने के उपरांत प्रश्नपत्र को भेज दिया जाता है।
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा में कितने बच्चे शामिल होगे ?
कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा में लगभग 16 लाख से अधिक बच्चे सामिल होते है। जिन में से 1 लाख बच्चे किसी कारण से परीक्षा नहीं दे पाते है।
Class 12th History September Monthly Exam Objective Answer Key Download Active Link 2024 Bihar Board
नीचे हमने कक्षा 12वीं इतिहास के ऑब्जेक्टिव आंसर डाउनलोड करने के लिए लिंक दिए है। जिस पर क्लिक करके आप बिल्कुल आसान तरीके से पेपर एवं आंसर को डाउनलोड कर लीजिए।
1 | D | 11 | B | 21 | D |
2 | D | 12 | B | 22 | C |
3 | D | 13 | A | 23 | A |
4 | B | 14 | B | 24 | A |
5 | A | 15 | A | 25 | A |
6 | B | 16 | D | 26 | B |
7 | A | 17 | D | 27 | D |
8 | A | 18 | B | 28 | D |
9 | D | 19 | B | 29 | B |
10 | B | 20 | A | 30 | C |
Class 12th History September Monthly Exam Subjective Answer Key Download Active Link 2024 Bihar Board
नीचे हमने कक्षा 12वीं इतिहास के सब्जेक्टिव आंसर डाउनलोड करने के लिए लिंक दिए है। जिस पर क्लिक करके आप बिल्कुल आसान तरीके से पेपर एवं आंसर को डाउनलोड कर लीजिए।
SUBJECTIVE ANSWER
SHORT ANSWER
1. Ans- इब्न बतूता एक मध्यकालीन मुस्लिम यात्री था जिसने दुनिया के सबसे प्रसिद्ध यात्रा वृत्तांतों में से एक, रिह्लाह लिखा था। इस कार्य में उन लोगों, स्थानों और संस्कृतियों का वर्णन है जिनसे वह इस्लामी दुनिया में और उससे परे लगभग 75,000 मील (120,000 किमी) की अपनी यात्राओं में मिला था।
2. Ans- इनमें एक प्रसिद्ध नाम फ्रांसीसी जौहरी ज्यौं – बैप्टिस्ट तैवर्नियर का था जिसने कम से कम छह बार भारत की यात्रा की। वह विशेष रूप से भारत की व्यापारिक स्थितियों से बहुत प्रभावित था और उसने भारत की तुलना ईरान और ऑटोमन साम्राज्य से की।
4. Ans- जैन धर्म ने मानव जाति के लिए स्वस्थ समाज बनाने का सही मार्ग प्रशस्त किया, जो अहिंसा और शांति के उनके दर्शन के साथ-साथ काम करता है। महावीर के जाति व्यवस्था और विभिन्न जातियों के लोगों के प्रति अन्याय के उन्मूलन और उनके विरोध के उपदेशों ने समाज में व्यापक बदलाव किए।
5. Ans- इन गुफा मंदिरों को महाकाल गुफा मंदिरों के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान बौद्ध धर्म के लोगों के लिए उच्च श्रद्धा का धार्मिक स्थल है क्योंकि उनका मानना है कि भगवान गौतम बुद्ध ने बोधगया जाने से बहुत पहले इन गुफाओं में ध्यान लगाया था। यह गुफाएं काफी जटिल प्रतीत होती है और बौद्ध प्रतिमा को प्रदर्शित करती है।
6. Ans- मथुरा कला शैली की मुख्य विशेषताएँ:
- यह स्वदेशी रूप से विकसित शैली है जो बाहरी संस्कृतियों से प्रभावित नहीं थी।
- मथुरा शैली की मूर्तियाँ धब्बेदार लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाई गई थीं।
- यह मूर्तियाँ उस समय के तीनों धर्मों अर्थात हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म से प्रभावित थीं।
- इसे कुषाण शासकों का संरक्षण प्राप्त था।
LONG ANSWER
11. Ans- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में धार्मिक सुधार के लिए ज़िम्मेदार कारण ये रहे:
- उत्तर वैदिक काल में धर्म के कर्मकांडीय स्वरूप ने सामाजिक श्रेष्ठता और आर्थिक शोषण को बढ़ावा दिया।
- वैदिक प्रथाओं के कारण बड़े पैमाने पर मवेशियों का बलिदान होने लगा था।
- हिंदू धर्म जटिल कर्मकांडों और ब्राह्मणों के प्रभुत्व के कारण कठोर और रूढ़िवादी हो गया था.
- इस समय जाति व्यवस्था के कारण सामाजिक असमानता व्याप्त थी।
12. Ans- बौद्ध मूर्तिकला के विकास का इतिहास कुछ इस प्रकार है:
- गांधार कला शैली – सिंकदर के भारत पर हमले के बाद, उत्तर-पश्चिमी भारत पर भारतीय-यूनानी, भारतीय शक, और कुशाण शासकों ने शासन किया. इस दौरान मूर्तिकला की एक विशिष्ट शैली विकसित हुई, जिसे गांधार कला शैली कहते हैं. यह शैली यूनानी-रोमन शैली से प्रभावित थी।
- मथुरा कला शैली – मथुरा कला शैली की शुरुआत पहली शताब्दी ईस्वी में हुई थी. कुषाण काल में इस शैली का सर्वाधिक विकास हुआ. मथुरा की मूर्तियों में बुद्ध को बैठी या खड़ी मुद्रा में दिखाया गया है. इन मूर्तियों में बुद्ध की आकृति शांत और ध्यानमग्न दिखाई देती है.
- गुप्तकालीन मूर्तिकला – चौथी शताब्दी तक, जब बौद्ध कला के दोनों केंद्र और बौद्ध अनुयायियों वाले अधिकांश क्षेत्र गुप्त शासन के अधीन आ गए, तो गांधार और मथुरा शैलियों का विलय होने लगा. इस अवधि में बनी मूर्तियां गांधार बुद्ध के शारीरिक अनुपात और मथुरा शैली की पोशाक का मिश्रण थीं।
- पाल मूर्तिकला शैली – पाल वंश की कला और स्थापत्य के विकास से “पाल मूर्तिकला शैली” का विकास हुआ. इस दौरान टेराकोटा, मूर्तिकला, और चित्रकला को महत्व दिया गया।
13. Ans- भगवान महावीर की शिक्षाओं के बारे में कुछ बातेंः
- महावीर ने सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, क्षमा, त्याग, संयम, प्रेम, और करुणा पर ज़ोर दिया।
- महावीर ने पशुओं के प्रति अत्याचार, पशु बलि, और जातिवाद का विरोध किया।
- महावीर ने अपने प्रवचनों में कहा कि अहिंसा सर्वोच्च नैतिक गुण है।
- महावीर ने कहा कि किसी भी जीव को चोट पहुंचाना बुरे कर्म का निर्माण करता है।
- महावीर ने कहा कि खून से खून को साफ़ नहीं किया जा सकता।
- महावीर ने कहा कि हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण करना चाहिए।
- महावीर ने कहा कि प्रिय हो या अप्रिय, सबको समभाव से सहना चाहिए।
- महावीर ने कहा कि हमें अपने अतीत के कर्म-प्रभाव से बच नहीं सकता।
- महावीर ने कहा कि हमें शब्दों का नहीं, शब्दों के प्रति जगने वाले राग-द्वेष का त्याग करना चाहिए।
- महावीर ने कहा कि हमें पाप से घृणा करनी चाहिए, पापी से नहीं।
- महावीर ने कहा कि हमें अपनी आवश्यकता से ज़्यादा धन का संग्रह नहीं करना चाहिए।
इस पोस्ट के माध्यम से Over-all बताया गया है।
इस पोस्ट में हमने आपको बताया है कि किस तरीके से कक्षा 12वीं सितंबर मासिक परीक्षा इतिहास का ओरिजिनल प्रश्नपत्र एवं आंसर कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। तो यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अतः इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक ऊपर में पढ़े।
हमारे सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़े [हमें Follow करें]
Join Whatsapp Group Join | Click Here |
Youtube Channel Subscribe | Click Here |
Telegram Group Join | Click Here |